भारत के शहीद
भारत की रक्षा के लिए मरते हैं..
पर्वत की चट्टानें तो भगवान की अर्ज़ी से हैं,
मगर बन कर चट्टान ये वह हैं खड़े ये अपनी मर्ज़ी से हैं....
रात अँधेरी में जब ये आसमान भी सोता है ,
हथेली पर जान रखकर सीमा पर ये जवान ही होता है। ...
हिंदुस्तान की तरफ जब भी कोई नज़र टेढ़ी करता है ,
तब एक यही जवान होता है जो देश के लिए मरता है। ....
सीमा को बचाया ऐसे है की घुसबैठ का न कोई सवाल है ,,,
पर कैसे लड़ें खुद के लोगों से जिन्होंने मचाया इतना बवाल है। ..
हिंदुस्तान की मिटटी पर खड़े होकर ये ऐसे नारे लगाते हैं ,,,
मुझे ये समझ आता नहीं की ये इतनी हिम्मत लाते कहा से हैं। ..
कभी पूछो किसी शहीद की माँ से उसके हाल,,,
की चीज़ था उसका बीटा और कितना किया था उसने दुश्मन की नाक पर बवाल। ..
सब बातें सुनकर अपने किए हर एक गलती पर पछताओगे ,,
दावा करता हूँ उसके चार शब्दों से ही टीम रो जाओगे। ....
तब मैं तुमसे पूछुंगा की कितना सही है कहना की हम लड़कर लेंगे आज़ादी हम मर कर लेंगे आज़ादी.......
रक्त बहा था उनका तब तब ,,,,,रक्त बहा है उनका अब अब ,,,,
खुनी भेड़ियों की निगाहें भारत की मिटटी पर पड़ी है जब जब। ......
आज भी इस मिटटी से बगत सिंह और चंद्र शेखर के लहू की खुशबु आती है,,,
भूल गए हैं जो देश के बेटे उन्हें ये सिखाती है,,,
की बहुत बन लिए तेंदुलकर और बहुत बन लिए कोहली ,,
अब बारी है की तुम सीने पर खाए भारत माता के लिए गोली,,,,
माटी का खिलौना छोड़ अब तू तिरंगा उठाएगा ,
और हर उस माँ बाप का जेवन सफल हो जाएगा ,,,,
जब उनका बेटा कसाब नहीं हनुमंथप्पा कहलाएगा। ......
जय हिन्द जय भारत
अति सुन्दर।
ReplyDeleteअति सुन्दर।
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